Monday, April 18, 2011

क्या रिश्ता है उनका मेरा

क्यों  उनकी  ख़ामोशी  मुझे  खामोश  कर  जाती  है ,
क्यों   उनकी  उदासी  मुझे  उदास  कर  जाती  है ,
क्या  रिश्ता  है  उनका  मेरा ,
जो  मुझे  उनकी  याद  हर   पल  आ  जाती  है ?

इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करते

ज़ख्म  इतने  गहरे  थे  की  इज़हार  क्या  करते ,
हम  खुद  निष्णा  बन  गए  वार  क्या  करते ,
मर   गए  हम  खुली  रही  आँखे ,
और  इससे   ज्यादा  उनका  इंतज़ार  क्या  करते 


जिसे चाहते है उसकी कमी है

कुछ  बिखरे  सपने  और  आखो में  नमी  है  ..
एक  छोटा  सा  आसमा   और  उमीदूं  की  ज़मीन  है ..
इउ तो  बहुत  कुछ  है  ज़िन्दगी  में  ..
जिसे  चाहते  है  उसकी  कमी  है ...

कितनी अँधेरी है मेरी दुनिया

कितनी  अँधेरी  है  मेरी  दुनिया ,
जाने  उसने  मेरी   किस्मत  किस  रात  में  लिखी  होगी ....
हाथ की  सारी रेखाएँ टेढ़ी  है ....
शायद  उसने  मेरी  किस्मत  उलटे  हाथ  से  लिखी  होगी ...

दर्द क्या है ये हम से पूछो

दर्द  क्या  है  ये  हम  से  पूछो ,
के  यारो  हम  दिल  के  मारे  है ,
प्यार  किया  था  हमने  फूल  जानकर ,
उन्होंने  तो  पत्थर  मारे  है |

कोई अच्छी सी सजा दो मुजको

कोई  अच्छी  सी  सजा  दो  मुजको ,
चलो  ऐसा  करो  भुला  दो  मुजको ,
तुमसे  बीछ्डू तो  मौत  आ  जाए ,
दिल  की  गेहरइयो  से  दुवा  दो  मुजको .



शमा जलती है परवाने चले आते है

शमा  जलती  है  परवाने  चले  आते  है ,
सर  के  बल  इश्क  के  दीवाने  चले  आते  है ,
अब  तो  आ  जाओ  मेरी  जान ,के  जनाजा  उठाने  को  है ,
लोग  तो  गैरो को  भी  दफनाने  चले  आते  है .



खुद की महोब्बत फनाह कौन करेगा

खुद  की  महोब्बत  फनाह  कौन  करेगा ,
सभी  नेक  बन  गए  तो  गुनाह  कौन  करेगा ,
ऍ खुदा  सनम  बेवफा  को  बचाए  रखना 
वरना  हमारी  मौत  की  दुवा  कौन  करेगा ?




तेज धड़कन को सुन के भी

तेज  धड़कन  को  सुन  के  भी  
तुम्हे  प्यार  की  खबर  नहीं  होती ,
क्या  महसूस  करोगी  तुम  दिल  का  दर्द ,
दिल  के  टूटने  की  तो  आवाज  भी  नहीं  होती .




कोई दिखा के रोए ,कोई छुपा के रोए

कोई  दिखा  के  रोए ,कोई  छुपा के   रोए ,
हमें  रुलाने  वाले  हमें  रुलाके  रोए ,
मरने  का  मजा  तो  तब  है  यारो  जब ,
कातिल  भी  जनाजे  पे  आके  रोए .


Wednesday, April 13, 2011

आपको तकलीफ देना नहीं चाहते

अपने  दर्द  आप  को  बताके  हम  आपको  तकलीफ  देना  नहीं  चाहते ,
हस्ते  ही  रहते  जो  हमेशा  हम  आपको  रुलाना  नहीं  चाहते ,
ठोकर  खाके  जो  हम  निचे  गिरे  है  तो  खुद  ही  उपर  भी  उठेगे ,
अ  दोस्त  तुम्हारी  तो  क्या  हम  खुदा  की  भी  मदद लेना  नहीं  चाहते .

रात से डर लगता है

रात  से  डर  लगता  है
बात  दिन  की  नहीं , अब  रात  से  डर  लगता 
घर  है  काचा  मेरा , बरसात  से  डर  लगता  है
तेरे  तोहफे  ने  तो   बस  खून  के  आंसू  ही  दिए
ज़िन्दगी   अब  तेरी   सौगात  से  डर  लगता  है
प्यार  को  छोर  क़र  तुम  और  कोई  बात  करो
अब  मुझे  प्यार  की  हर  बात  से  डर  लगता  है
मेरी  खातिर  ना वो  बन्द्नाम  कहें  हो  जाएं
इस  लिए  उन्  की  मुलाक़ात  से  डर  लगता  है

Sunday, April 10, 2011

थोड़ी दूर साथ चलो

कठिन  है  राह  गुजारना थोड़ी दूर  साथ  चलो
बहुत  बरा है  सफ़र  थोड़ी  दूर  साथ  चालो 
तमाम  उम्र  कहाँ  कोई  साथ  देता  है
में  जानता  हूँ  मगर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
नशे  में  चूर  हूँ  में  भी  तुम्हें  भी  होश  नहीं
बरा मज़ा  होगा  अगर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
ये  एक  शाम  की  मुलाक़ात  भी  जरुरत है
किसे   है  कल  की  खबर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
अभी  तो  जाग  रहे  हैं  चिराग  राहो के
अभी  है  दूर  सहर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो