Monday, February 22, 2010

प्यार छुपाया न करो

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो

लोग हर बात का अफसाना बना लेते हैं
सब को हालात की रुदाद सुनाया न करो

ये ज़रूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो
प्यार के ज़ख्म अमानत हैं दिखाया न करो

शहर -इ -एहसास में पत्थराव बहुत हैं “ मोहसिन ”
 दिल को शीशे के झरोंखों में सजाया न करो

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो