Monday, March 22, 2010

तेरी कसम हम को तेरी यादें झो अति है

हममे हर पल सताती है
अब तो नहीं लगता हमारा दिल
तुम्हारे बिन अब हर धरकन रुलाती है
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं ,

वोह सोचते है हम रोये ही नहीं ,
वोह पूछते है ख्वाबों में किसे देखते हो ,
हम है की एक उम्र से सोये ही नहीं ...
कशिश होनी चाहिए याद करने की ,

लम्हे तो अपने आप मिल जाते हैं .
वक़्त होना चाहिए साथ गुजरने के लिए ,
बहाने तो अपने आप बन जाते हैं ..