Tuesday, March 2, 2010

कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न

कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न
इस दर्द में उड़ता पंछी कोई गीत गाएना
जब तक तुझको नादेखु मुझको चैन आएना
जब तक तू ना मुस्कुराये ए होठ मुस्कुराये ना

नदियों के पानी से क्या प्यास भरे

नदियों के पानी से क्या प्यास भरे जब तक बरसात न हो
तेरी इन तस्बिरो से क्या आह भरे जब तक मुलकात न हो