Friday, March 24, 2017

तू हमे देखके भी अनदेखा करती है dard shayari

कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की, जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।
पर उनको कौन समझाए की हमतो जागते है सिर्फ तेरे लिए 
पर अफसोश की तू हमे देखके भी अनदेखा करती है


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