Monday, April 18, 2011

कितनी अँधेरी है मेरी दुनिया

कितनी  अँधेरी  है  मेरी  दुनिया ,
जाने  उसने  मेरी   किस्मत  किस  रात  में  लिखी  होगी ....
हाथ की  सारी रेखाएँ टेढ़ी  है ....
शायद  उसने  मेरी  किस्मत  उलटे  हाथ  से  लिखी  होगी ...

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