Friday, March 19, 2010

बठे बिठाये याद आये तो क्या करू
दिलसे किसीकी ख्याल नजाए तो क्या करू
टूट चूका हु मई अन्दर से आसू बह रहे है दिलसे
पर ए ओठ मुस्कुराये तो क्या करू

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