Thursday, March 11, 2010

पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे

पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे


एक दिन तो मेलेगी मंजील प्यार की
लगा ले अपने सिने से और मुझे न भटकने दे


जब होस में आयेगे तो असा न होगा
आखिर सोवाद नया है तुझमे मुझे जरा चखने दे


न सोचा कर रुक जाना ओ मेरी जानेमन
तुम भी कुच्ह कर और मुझे भी कुच्ह करने दे


चूम लुगा तुझको बहो में जकड़ने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे

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