phool khilte rahe jindagi ki rah me,
hasi chamkati rahe aap ki nigaah me
kadam kadam par mile kushi ki bhar aapko,
dil deta hai yehi duaa bar bar aapko
sau bewafai kabul hai ek bewafai ke liye
sau aasu kabul hai ek hasi ke liye,
hum to mohtaj hai aapke pyaar ke
sau dushmani kabul hai aapki dosti ke liye
kal tak hum aapki jaan hua karte the,pata nahi kitni bar ijhar-e-mohabat kiya karte the, aaj kalpata nahi kya hua unhe ki baat chit kuchha kam kiya karte hai, gaur se socha to pata chala, ki pahle hum unki jarurat hua karte the.
ek lamhe me unhone hamari jindagi sawar di,
ek lamhe me unhone hamari jindagi ujad di,
kasoor unka nahi hamara hai,
jo un do lamho me humne hamari jindagi gujar di.
dil ko aadat si ho gayi chot khane ki,bhigi hui palko ke saath muskurane ki,
kas anjaam-e-wafa pahle se jaan jaate,
tooh.............
kosis bhi nahi karte dil lagane ki.
कितनी अँधेरी है मेरी दुनिया , जाने उसने मेरी किस्मत किस रात में लिखी होगी .... हाथ की सारी रेखाएँ टेढ़ी है .... शायद उसने मेरी किस्मत उलटे हाथ से लिखी होगी ...
शमा जलती है परवाने चले आते है , सर के बल इश्क के दीवाने चले आते है , अब तो आ जाओ मेरी जान ,के जनाजा उठाने को है , लोग तो गैरो को भी दफनाने चले आते है .
अपने दर्द आप को बताके हम आपको तकलीफ देना नहीं चाहते ,
हस्ते ही रहते जो हमेशा हम आपको रुलाना नहीं चाहते ,
ठोकर खाके जो हम निचे गिरे है तो खुद ही उपर भी उठेगे ,
अ दोस्त तुम्हारी तो क्या हम खुदा की भी मदद लेना नहीं चाहते .
बात दिन की नहीं , अब रात से डर लगता
घर है काचा मेरा , बरसात से डर लगता है
तेरे तोहफे ने तो बस खून के आंसू ही दिए
ज़िन्दगी अब तेरी सौगात से डर लगता है
प्यार को छोर क़र तुम और कोई बात करो
अब मुझे प्यार की हर बात से डर लगता है
मेरी खातिर ना वो बन्द्नाम कहें हो जाएं
इस लिए उन् की मुलाक़ात से डर लगता है
कठिन है राह गुजारना थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बरा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चालो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
में जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
नशे में चूर हूँ में भी तुम्हें भी होश नहीं
बरा मज़ा होगा अगर थोड़ी दूर साथ चलो
ये एक शाम की मुलाक़ात भी जरुरत है
किसे है कल की खबर थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं चिराग राहो के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो
दो दोस्त ,दो दिल ,दो जहा, दोस्ती है कहा ?
यार है ,दिलदार है ,धड़कन की रफतार है ,प्यार है कहा ?
मंजिल है ,संगदिल है ,हर सास में सामिल है ,वो है कहा ?
जो इनायत है, इजाजत है ,मोहबत है,छुपा है कहा?
रस है ,रंग है, दिल का हर एक अंग है, बता है कहा ?
ए मेरे दिल तू बता दे वो है कहा ?
अलफ़ाज़ नहीं है पास मेरे गम -ऍ-उल्फत कैसे बयान करून
आप ने की है मुझसे बेवफाई , ये अब ज़ाहिर कैसे करून
हमने तो आप से मोहब्बत करके खुद है, भुला दिया
तेरे बाद हालत कैसे है मेरी , अब ये ज़ाहिर कैसे करून
मेरी ज़िन्दगी के राज़ मे एक राज़ तुम भी हो
मेरी बंदगी की प्यास मे एक प्यास तुम भी हो
तुम क्या हो , कुछ तो हो ! या नहीं हो
मगर मेरी ज़िन्दगी के काश में एक काश तुम भी हो
हर गम का मतलब आपने समझा दिया .
आप तो रो -कर भी अपने ग़मों को हल्का ना कर सके ,
हमने ख़ुशी की आध में अपने ग़मों को छुपा लिया .
मोहब्बत का क्या है कभी भी हो जाती है ,
हर किसी की आँखों में बस नमी छोड़ जाती है ,
हमने की मोहब्बत तो हाल हुआ ऐसा ,
तारो के बीच एक शाम गुज़रता हो जैसा .
kisi ko mohabat ki sachai mar dalegi,
kisi ko mohabat ki gaharai mar dalegi,
karke mohabat koi na bach payega,
jo bach gaya use tanhai mar dalegi
khusi agar hum se daman bachati hai to bachayehume to gum hi hai ras aaye
mohabat ka yeh ajab dastur dekha
usi ki jeet hai..............jo har jaye.....
laut jati hai duniya gum hamara dekhkarjaise laut jati hai lahare kinara dekhkar
tu kandha na dena mere janaje ko
kahi phir se jinda na ho jau tere sahara dekhkar
Monday, March 28, 2011
इन हसीनो के गोरे गालो पे हजारो दीवाने मरते है
उनमे से कोई हट-हट के मरते है ,तो कोई सट-सट के मरते है
शखी सहेली कह रही थी ,नदी में भरा है पानी
स्नान को कैसे करने जाती हो चली थी स्यानी
चाल शराबी ओठ गुलाबी ,नैन तेरे कजरारे
तेरी इन भोली सूरत पे चाँद भी शर्माए
मुझे प्यास लगी है जानी जी भरके पिला दो पानी
साग से गागर निकाल कर
तेरी इस जवानी पे कितने आशिक क़त्ल होगे
जरा चुनरी ओढ़ संभाल कर
फूलो का रस चूस लेती है तितली
भोरो का नाम होता है
खुली सड़क पे दुपटा सरकाती है खुद
और आशिक का नाम होता है