हिन्दी शायरी in Hindi प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी,love shayari,sad shayari
प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी
Monday, March 28, 2011
इन हसीनो के गोरे गालो पे हजारो दीवाने मरते है
उनमे से कोई हट-हट के मरते है ,तो कोई सट-सट के मरते है
शखी सहेली कह रही थी ,नदी में भरा है पानी
स्नान को कैसे करने जाती हो चली थी स्यानी
चाल शराबी ओठ गुलाबी ,नैन तेरे कजरारे
तेरी इन भोली सूरत पे चाँद भी शर्माए
मुझे प्यास लगी है जानी जी भरके पिला दो पानी
साग से गागर निकाल कर
तेरी इस जवानी पे कितने आशिक क़त्ल होगे
जरा चुनरी ओढ़ संभाल कर
फूलो का रस चूस लेती है तितली
भोरो का नाम होता है
खुली सड़क पे दुपटा सरकाती है खुद
और आशिक का नाम होता है
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