महकती बहारो में तुम्हे फूलों की तरह देखा है ,
बरसते सावन में तुम्हे बूँदो की तरह देखा है ,
सजा रखे है जो ख्वाब अपनी ज़िन्दगी की रहो में ,
उन रहो में तुम्हे अपनी दुल्हन बनते देखा है .
बरसते सावन में तुम्हे बूँदो की तरह देखा है ,
सजा रखे है जो ख्वाब अपनी ज़िन्दगी की रहो में ,
उन रहो में तुम्हे अपनी दुल्हन बनते देखा है .
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