Monday, February 1, 2016

महकती बहारो में तुम्हे फूलों की तरह देखा है

महकती  बहारो  में  तुम्हे  फूलों की  तरह देखा  है ,
बरसते  सावन  में  तुम्हे  बूँदो  की तरह  देखा  है ,
सजा  रखे  है जो ख्वाब  अपनी  ज़िन्दगी  की  रहो  में ,
उन  रहो  में  तुम्हे  अपनी  दुल्हन  बनते  देखा  है .

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