भोरो का नाम होता है
खुली सड़क पे दुपटा सरकाती है खुद
और आशिक का नाम होता है
2.मुझे प्यास लगी है जानी जी भरके पिला दो पानी
साग से गागर निकाल कर
तेरी इस जवानी पे कितने आशिक क़त्ल होगे
जरा चुनरी ओढ़ संभाल कर
3.चाल शराबी ओठ गुलाबी ,नैन तेरे कजरारे
तेरी इन भोली सूरत पे चाँद भी शर्माए
4.शखी सहेली कह रही थी ,नदी में भरा है पानी
स्नान को कैसे करने जाती हो चली थी स्यानी
5.इन हसीनो के गोरे गालो पे हजारो दीवाने मरते है
उनमे से कोई हट-हट के मरते है ,तो कोई सट-सट के मरते है
6.तेरी इस सूरत पे मोम क्या, पत्थर भी पिघल जायेगे
हर चाहने वालो का दिल ,तेरी इन सूरत पे मचल जायेगे
जैसे लौट जाती है लहेरे किनारा देखकर .
तू कन्धा न देना मेरे जनाज़े को ,
कही फिर से जिंदा न हो जाऊ तेरे सहारा देखकर
`
8.ख़ुशी अगर हम से दामन बचाती है तो बचाए
हमें तो गम ही हैं रास आये
मोहब्बत का यह अजब दस्तूर देखा
उस्सी की जीत है ……जो हार जाए ……. ..
`
9.किसी को मोहब्बत की सच्चाई मार डालेगी ,
किसी को मोहब्बत की गेहराई मार डालेगी ,
करके मोहब्बत कोई नहीं बचेगा ,
जो बच गया उसे तन्हाई मार डालेगी …
`
10.मोहब्बत का क्या है कभी भी हो जाती है ,
हर किसी की आँखों में बस नमी छोड़ जाती है ,
हमने की मोहब्बत तो हाल हुआ ऐसा ,
तारो के बीच एक शाम गुज़रता हो जैसा .
`
आप तो रो -कर भी अपने ग़मों को हल्का ना कर सके ,
हमने ख़ुशी की आध में अपने ग़मों को छुपा लिया .
7.लौट जाती है दुनिया गम हमारा देखकर ,
तू कन्धा न देना मेरे जनाज़े को ,
कही फिर से जिंदा न हो जाऊ तेरे सहारा देखकर
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8.ख़ुशी अगर हम से दामन बचाती है तो बचाए
हमें तो गम ही हैं रास आये
मोहब्बत का यह अजब दस्तूर देखा
उस्सी की जीत है ……जो हार जाए ……. ..
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9.किसी को मोहब्बत की सच्चाई मार डालेगी ,
किसी को मोहब्बत की गेहराई मार डालेगी ,
करके मोहब्बत कोई नहीं बचेगा ,
जो बच गया उसे तन्हाई मार डालेगी …
`
10.मोहब्बत का क्या है कभी भी हो जाती है ,
हर किसी की आँखों में बस नमी छोड़ जाती है ,
हमने की मोहब्बत तो हाल हुआ ऐसा ,
तारो के बीच एक शाम गुज़रता हो जैसा .
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11.ज़िन्दगी का मतलब आपने बता दिया ,
हर गम का मतलब आपने समझा दिया .आप तो रो -कर भी अपने ग़मों को हल्का ना कर सके ,
हमने ख़ुशी की आध में अपने ग़मों को छुपा लिया .