अलफ़ाज़ नहीं है पास मेरे गम -ऍ-उल्फत कैसे बयान करून
आप ने की है मुझसे बेवफाई , ये अब ज़ाहिर कैसे करून
हमने तो आप से मोहब्बत करके खुद है, भुला दिया
तेरे बाद हालत कैसे है मेरी , अब ये ज़ाहिर कैसे करून
मेरी ज़िन्दगी के राज़ मे एक राज़ तुम भी हो
मेरी बंदगी की प्यास मे एक प्यास तुम भी हो
तुम क्या हो , कुछ तो हो ! या नहीं हो
मगर मेरी ज़िन्दगी के काश में एक काश तुम भी हो