हस्ते ही रहते जो हमेशा हम आपको रुलाना नहीं चाहते ,
ठोकर खाके जो हम निचे गिरे है तो खुद ही उपर भी उठेगे ,
अ दोस्त तुम्हारी तो क्या हम खुदा की भी मदद लेना नहीं चाहते .
ठोकर खाके जो हम निचे गिरे है तो खुद ही उपर भी उठेगे ,
अ दोस्त तुम्हारी तो क्या हम खुदा की भी मदद लेना नहीं चाहते .