Tuesday, February 21, 2017

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है,
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है,
महबूब आये या न आये,
पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!

इश्क गुनाह है तो गलती की हमने

न जिद है न कोई गुरूर है हमे,
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमे,
इश्क गुनाह है तो गलती की हमने,
सजा जो भी हो मंजूर है हमे।