Thursday, October 1, 2015

कौन है जो ज़िन्दगी से मजबूर नहीं

 
 कौन  है  जो  मंज़िल से  दूर  नहीं ,

कौन  है  जो  ज़िन्दगी  से  मजबूर  नहीं ,

गुनाह  तो सभी  करते  हैं ,

हमारी  नज़र  में  तो खुद  भी  बेक़सूर  नहीं .
Kaun hai jo manzil se door nahin,

Kaun hai jo zindagi se majboor nahin,

Gunaah to sabhi karte hain

Humari nazar mein to khuda bhi bekasoor nahi.

Monday, July 6, 2015

एक लम्हा भी ना लगा खोने में उसको

 
दरगुज़र  उसकी  हर  खता  कर  दी  हमने

उसके  हक़  में  आज  फिर  दुआ  कर  दी  हमने

एक लम्हा  भी  ना लगा  खोने  में  उसको

जिसको  पाने  में  हर  इन्तहा  कर  दी  हमने ..!!

Sunday, July 5, 2015

आँखों में बस नमी छोड़ जाती है

 
मोहब्बत  का  क्या  है  कभी  भी  हो  जाती  है ,
हर  किसी  की  आँखों  में  बस  नमी  छोड़  जाती  है ,
हमने  की  मोहब्बत  तो  हाल  हुआ  ऐसा ,
तारो  के   बीच  एक  शाम  गुज़रता  हो  जैसा

करके मोहब्बत कोई नहीं बचेगा

 
किसी  को  मोहब्बत  की  सच्चाई  मार  डालेगी ,
किसी  को  मोहब्बत  की   गेहराई  मार  डालेगी ,
करके  मोहब्बत  कोई  नहीं  बचेगा ,
जो  बच गया  उसे  तन्हाई  मार  डालेगी

हर चाहने वालो का दिल तेरी इन सूरत पे मचल जायेगे

 
तेरी इस सूरत पे मोम क्या, पत्थर भी पिघल जायेगे 
हर चाहने वालो का दिल ,तेरी इन सूरत पे मचल जायेगे