Monday, April 18, 2011

तेज धड़कन को सुन के भी

तेज  धड़कन  को  सुन  के  भी  
तुम्हे  प्यार  की  खबर  नहीं  होती ,
क्या  महसूस  करोगी  तुम  दिल  का  दर्द ,
दिल  के  टूटने  की  तो  आवाज  भी  नहीं  होती .




कोई दिखा के रोए ,कोई छुपा के रोए

कोई  दिखा  के  रोए ,कोई  छुपा के   रोए ,
हमें  रुलाने  वाले  हमें  रुलाके  रोए ,
मरने  का  मजा  तो  तब  है  यारो  जब ,
कातिल  भी  जनाजे  पे  आके  रोए .


Wednesday, April 13, 2011

आपको तकलीफ देना नहीं चाहते

अपने  दर्द  आप  को  बताके  हम  आपको  तकलीफ  देना  नहीं  चाहते ,
हस्ते  ही  रहते  जो  हमेशा  हम  आपको  रुलाना  नहीं  चाहते ,
ठोकर  खाके  जो  हम  निचे  गिरे  है  तो  खुद  ही  उपर  भी  उठेगे ,
अ  दोस्त  तुम्हारी  तो  क्या  हम  खुदा  की  भी  मदद लेना  नहीं  चाहते .

रात से डर लगता है

रात  से  डर  लगता  है
बात  दिन  की  नहीं , अब  रात  से  डर  लगता 
घर  है  काचा  मेरा , बरसात  से  डर  लगता  है
तेरे  तोहफे  ने  तो   बस  खून  के  आंसू  ही  दिए
ज़िन्दगी   अब  तेरी   सौगात  से  डर  लगता  है
प्यार  को  छोर  क़र  तुम  और  कोई  बात  करो
अब  मुझे  प्यार  की  हर  बात  से  डर  लगता  है
मेरी  खातिर  ना वो  बन्द्नाम  कहें  हो  जाएं
इस  लिए  उन्  की  मुलाक़ात  से  डर  लगता  है

Sunday, April 10, 2011

थोड़ी दूर साथ चलो

कठिन  है  राह  गुजारना थोड़ी दूर  साथ  चलो
बहुत  बरा है  सफ़र  थोड़ी  दूर  साथ  चालो 
तमाम  उम्र  कहाँ  कोई  साथ  देता  है
में  जानता  हूँ  मगर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
नशे  में  चूर  हूँ  में  भी  तुम्हें  भी  होश  नहीं
बरा मज़ा  होगा  अगर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
ये  एक  शाम  की  मुलाक़ात  भी  जरुरत है
किसे   है  कल  की  खबर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 
अभी  तो  जाग  रहे  हैं  चिराग  राहो के
अभी  है  दूर  सहर  थोड़ी  दूर  साथ  चलो 

Saturday, April 9, 2011

जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए

जिसकी  याद  में  सारे  जहाँ  को  भूल  गए
सुना  है  आजकल  वो  हमारा  नाम  तक  भूल  गए
कसम  खाई  थी  जिसने  साथ  निभाने  की  यारो
आज  वो  हमारी  लाश  पर  आना  भूल  गए

Thursday, April 7, 2011

लकिन आप ख्वाबो में आये यही सोच कर सो लेते है

 याद  आते  है  तो  ज़रा  खो   लेते  है

आसू  आँखों  में  उतर  आये  तो  ज़रा  रो  लेते  है

नींद  आखो  में  आते  नहीं  

लकिन आप  ख्वाबो  में  आये  यही  सोच  कर  सो  लेते  है

हर रोज़ कोई खुवाब टूट जाता है

हर  रोज़  कोई  खुवाब  टूट  जाता  है
हर  रोज़  कोई  अपना  रूठ  जाता  है
ना  जाने  मेरी  किस्मत  मैं  क्या  है
जिसे  मैं  याद  करू वही   मुझे  भूल  जाता  है ..


धुड़ो जरा वो है कहा?

दो दोस्त ,दो दिल ,दो जहा, दोस्ती है कहा ?
यार है ,दिलदार है ,धड़कन की रफतार है ,प्यार है कहा ?
मंजिल है ,संगदिल है ,हर सास में सामिल है ,वो है कहा ?
जो इनायत है, इजाजत है ,मोहबत है,छुपा है कहा?
रस है ,रंग है, दिल का हर एक अंग है, बता है कहा ?
ए मेरे दिल तू बता दे वो  है कहा ?



Monday, April 4, 2011

मिलता है कोई ज़ख्म तो सी लेते हैं

मिलता  है  कोई  ज़ख्म  तो  सी  लेते  हैं
इस  वास्ते  कुछ  लोग  थोड़ी  सी   कभी  पी  लेते  हैं
हैरत  है  इस  दौर  में  कैसे  हम  जैसे  लोग
पीते  भी  नहीं  और  जी  लेते  हैं 

क्यूँ दोस्ती छोड़कर लोग करते हैं प्यार ??

बोलती  है  दोस्ती , चुप  रहता  है  प्यार .

हसती  है  दोस्ती , रुलाता  है  प्यार .
मिलाती   है  दोस्ती , जुदा  करता  है  प्यार .
फिर  भी   क्यूँ  दोस्ती  छोड़कर  लोग  करते  हैं  प्यार ??

Sunday, April 3, 2011

एक कॉल तो कर दिया करो

में  आपको  ये  तो  नहीं  कहता  की
में  आपको  कॉल करता  हूँ  तो  आप  भी  मुझे कॉल करो .
पर  मेरे  प्यारे  दोस्तों  तुम  जिन्दा  भी  हो
ये  बताने  के  लिए  तो  एक  कॉल कर  दिया  करो .

प्यार निभाने का वादा है हमारा

 
दिल  का  रिश्ता  है  हमारा
दिल  के  कोने  में  नाम  है  तुम्हारा
हर  याद  मैं  है  चेहरा  तुम्हारा
हम  साथ  नहीं  तो  क्या  हुआ
ज़िन्दगी  भर  प्यार  निभाने  का  वादा  है  हमारा  ....

जाने क्यों तुम्हारी कमी सी थी

वक़्त  गुज़रता  रहा  पर  सांसे  थमी  सी  थी ,
मुस्कुरा  रहे  थे  हम ,
पर  आँखों  में  नमी  सी  थी ,
साथ  हमारे  ये  जहाँ  था  सारा ,
पर  न  जाने  क्यों  तुम्हारी  कमी  सी  थी

सूरत से पहले उसके दिल को तो देखो

फूल  से  पहले  खुसबू  को  तो  देखो ,
करने  से  पहले  काम   को  तो  देखो ,
किसीके  रूप  में  दीवाना  ना  बनो ,
सूरत  से  पहले  उसके  दिल  को  तो  देखो .

Thursday, March 31, 2011

जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है

जिस  किसीको  भी  चाहो  वोह  बेवफा  हो  जाता  है 
सर  अगर  झुकाव  तो  सनम  खुदा  हो  जाता  है
जब  तलक  काम  आते  रहो  हमसफ़र  कहलाते  रहो 
काम  निकल  जाने  पर  हमसफ़र  कोई   दूसरा  हो  जाता  है

जब भी तुम पुकारोगे

जब  भी  तुम  पुकारोगे 
हम  दौड़े  चले  आयेंगे   
कफ़न  में  लिपटे  चिता  से  उठ  के चले  आयेंगे 
अगर  जल  गए  तो  कोई  गम  नही  दोस्त 
राख़  बनके  हम  उड़ते  चलाएंगे

मेरे इश्क में दर्द नहीं था

मेरे  इश्क  में  दर्द  नहीं  था  पर  दिल  मेरा  बे दर्द  नहीं  था  
होती  थी  मेरी  आँखों  से  नीर  की  बरसात 
पर  उनके  लिए  आंसू  और  पानी  में  फर्क  नहीं  था

उनका ठिकाना तो दिल में था

उनका  ठिकाना  तो  दिल  में  था 
हमारे  पर  उनसे  दो  क़दम  आया  ना गया
हमने  रो  कर  पूछा क्यों  तोड़  दिया  प्यार  का  वादा
उसने  हस  कर  कहा , बस  निभाया  ना  गया .

अब ये ज़ाहिर कैसे करून

अलफ़ाज़  नहीं  है  पास   मेरे  गम -ऍ-उल्फत  कैसे   बयान करून 
आप  ने  की  है  मुझसे  बेवफाई , ये  अब   ज़ाहिर  कैसे  करून 
हमने  तो  आप  से  मोहब्बत  करके  खुद   है,  भुला  दिया 
तेरे   बाद  हालत  कैसे  है  मेरी , अब  ये  ज़ाहिर  कैसे  करून

किसी के प्यार में गेहरी चोट खाई है

किसी  के  प्यार  में  गेहरी  चोट  खाई  है
वफ़ा  से  पहले  ही  बेवफाई   पाई  है 
लोग  तो  दुआ  मांगते  हैं  इस  हाल  में  मरने  की 
पर  हमने  उसकी  यादों  में  जीने  की  कसम  खाई  है


तन्हाई किसी का इंतज़ार नहीं करती

तन्हाई  किसी  का  इंतज़ार  नहीं  करती 
किस्मत  कभी  बेवफाई  नहीं  करती
उनसे  दूर  होने  का  असर  है  वरना
परछाई कभी  जिस्म  पर  वार  नहीं  करती .

दिल और आंख

दिल  और  आंख  दिल  ने  कहा  आंख  से
देखा  करो  कम  देखती  हो  तुम  तरपते  हैं  हम
आंख  ने  कहा  दिल  से
सोचा  करो  कम  सोचते  हो  तुम   बरसते  हैं  हम

जब मौत आएगी तब जी भर के सो लेंगे .

कुछ  ना  किसी  से  बोलेंगे बस
तन्हाई  में  चुप  -चाप  रो  लेंगे अब
नींद  तो  आँखों  में  आती  नहीं
चलो  जब  मौत  आएगी  तब  जी  भर  के  सो  लेंगे .

गम की परछाईयाँ

गम  की  परछाईयाँ 
यार  की  रुसवाईयाँ
वाह रे  मुहोब्बत ! तेरे  ही  दर्द
और  तेरी  ही  दवाईयां

चाहे तुम कितना भी चाह लो

ये  पल  पल  का  चलना  फासला  ख़तम  ना  करेगा  तुम  कितना  भी  चाह लो 
तुम्हे  वो  बीता  कल  ना  मिलेगा ! चाहे  तुम  कितना  भी  चाह लो

फिर हर कोई तनहा हो जाता है

इस  से  ज्यादा  क्या  रखते  है  चाहत  की  उम्मीद 
मिटा  दिया  खुद  को  तुम्हे  पाने  के  लिए 
मर  कर  भी  ना भूल  पाएंगे  हम
आँख  तो  बन्द  की  है  सिर्फ  ज़माने  के  लिए .


अपनों को जब अपने खो देते है

अपनों  को  जब  अपने  खो  देते  है 
तन्हाइयो   मे  वो  रो  देते  है
क्यों  इन  पलकों  पर  बिठाते  है  लोग  उनको 
जो  इन  पलकों  को  अक्सर  आंसुओ  से  भेगो  देते  है

कोई साथ निभाने नहीं आता

हर  तरफ  गैहराही है ,किनारा  नज़र  नहीं  आता 
वादा  तोह  कर  लेते  है
बहोत  मोहब्बत  कर  लेने  के  बाद ,पर  जब  मुसीबत  पड़े
तोह  कोई  साथ  निभाने  नहीं  आता

मेरी ज़िन्दगी के राज़ मे एक राज़ तुम भी हो

मेरी  ज़िन्दगी  के राज़  मे एक  राज़  तुम  भी   हो
मेरी  बंदगी  की  प्यास  मे  एक  प्यास  तुम  भी  हो
तुम  क्या  हो , कुछ  तो  हो ! या  नहीं  हो 
मगर  मेरी  ज़िन्दगी  के  काश   में  एक काश  तुम  भी  हो