कलियों के डाली पे बयेठे हम फूल बनके
तू चुभी इस दिल में एक भूल बनके
तुझे समझ ना सके हम नादा थे
इस दिलकी अमानत थी तू पर निकली फिजूल बनके
प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी
Thursday, March 11, 2010
दिल हमने दिया तुमको अपना बनाने के लिए
दिल हमने दिया तुमको अपना बनाने के लिए
तन्हा क्यों छोड़ दिया घुट घुट कर मरजाने के लिए
तन्हा क्यों छोड़ दिया घुट घुट कर मरजाने के लिए
पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे
पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे
एक दिन तो मेलेगी मंजील प्यार की
लगा ले अपने सिने से और मुझे न भटकने दे
जब होस में आयेगे तो असा न होगा
आखिर सोवाद नया है तुझमे मुझे जरा चखने दे
न सोचा कर रुक जाना ओ मेरी जानेमन
तुम भी कुच्ह कर और मुझे भी कुच्ह करने दे
चूम लुगा तुझको बहो में जकड़ने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे
एक दिन तो मेलेगी मंजील प्यार की
लगा ले अपने सिने से और मुझे न भटकने दे
जब होस में आयेगे तो असा न होगा
आखिर सोवाद नया है तुझमे मुझे जरा चखने दे
न सोचा कर रुक जाना ओ मेरी जानेमन
तुम भी कुच्ह कर और मुझे भी कुच्ह करने दे
चूम लुगा तुझको बहो में जकड़ने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे
प्यार
प्यार कोई खेल नहीं इसे ना मजाक बनाओ
प्यार कोई लड़ाई की मैदान नहीं इसे ना आग़ाज़ बनाओ
प्यार कोई रेल नहीं इसे पटरियो पर ना नचाओ
प्यार दो दिलो का मिलना है इसे दुश्मनों से बचाओ
प्यार दिलो का इज़हार है इसे फूल से सजाओ
प्यार दिलो का रंग है इसे खून का रंग मत बनाओ
प्यार दोस्तों का दोस्त है इसे ना मिटाओ
प्यार कोई लड़ाई की मैदान नहीं इसे ना आग़ाज़ बनाओ
प्यार कोई रेल नहीं इसे पटरियो पर ना नचाओ
प्यार दो दिलो का मिलना है इसे दुश्मनों से बचाओ
प्यार दिलो का इज़हार है इसे फूल से सजाओ
प्यार दिलो का रंग है इसे खून का रंग मत बनाओ
प्यार दोस्तों का दोस्त है इसे ना मिटाओ
ना मिसाल मिलेगी तेरी हुस्न की इस कायनात मैं
ना मिसाल मिलेगी तेरी हुस्न की इस कायनात मैं,
तू इतनी कसीस भरी ख़ूबसूरती कहा से लायी है ,
लब हैं मयखाने और आंखें छलकते पयमाने ,
ए खुदा जाने आज कीस किस की शामत आई है
तू इतनी कसीस भरी ख़ूबसूरती कहा से लायी है ,
लब हैं मयखाने और आंखें छलकते पयमाने ,
ए खुदा जाने आज कीस किस की शामत आई है
दिलमे बसी है तू
दिलमे बसी है तू ,
हम तुझे भुला देते अगर तू मेरे दिल में ना बसी होती ,
तू मेरी नसीब है ,
तेरी हर उस लकीर को मिटा देते अगर तू मेरी नसीब ना होती ,
मेरे सपनो का सौगात है तू ,
तुझे करीब भी न आने देते हम अगर तू सपनो में ना आती ,
बीती जिन्दगी की याद है तू ,
तुझे इस जिन्दगी से निकल देता अगर तू मेरी बेटे दिनों की याद ना होती
हम तुझे भुला देते अगर तू मेरे दिल में ना बसी होती ,
तू मेरी नसीब है ,
तेरी हर उस लकीर को मिटा देते अगर तू मेरी नसीब ना होती ,
मेरे सपनो का सौगात है तू ,
तुझे करीब भी न आने देते हम अगर तू सपनो में ना आती ,
बीती जिन्दगी की याद है तू ,
तुझे इस जिन्दगी से निकल देता अगर तू मेरी बेटे दिनों की याद ना होती
Wednesday, March 10, 2010
किसीको अपना बनाने में देर लगती है
किसीको अपना बनाने में देर लगती है , एक वादा निभाने में देर लगती है ,
प्यार तो पल भर में हो जाता है ,
मगर उन्हें भुलाने में उम्र लगती है .
प्यार तो पल भर में हो जाता है ,
मगर उन्हें भुलाने में उम्र लगती है .
Tuesday, March 2, 2010
कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न
कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न
इस दर्द में उड़ता पंछी कोई गीत गाएना
जब तक तुझको नादेखु मुझको चैन आएना
जब तक तू ना मुस्कुराये ए होठ मुस्कुराये ना
नदियों के पानी से क्या प्यास भरे
नदियों के पानी से क्या प्यास भरे जब तक बरसात न हो
तेरी इन तस्बिरो से क्या आह भरे जब तक मुलकात न हो
Sunday, February 28, 2010
इस मस्ती भरी शमा में मेरे करीब आजाओ
इस मस्ती भरी शमा में मेरे करीब आजाओ
मेरे दिलमे लगी आग को अपने दिल से बुझा जाओ
Monday, February 22, 2010
प्यार छुपाया न करो
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो
लोग हर बात का अफसाना बना लेते हैं
सब को हालात की रुदाद सुनाया न करो
ये ज़रूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो
प्यार के ज़ख्म अमानत हैं दिखाया न करो
शहर -इ -एहसास में पत्थराव बहुत हैं “ मोहसिन ”
दिल को शीशे के झरोंखों में सजाया न करो
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो
Saturday, February 20, 2010
लम्हे जुदाई के बेकरार करते है ,
लम्हे जुदाई के बेकरार करते है ,
हालत मेरी मुझे लाचार करते है ,
ऑंखें मेरी कभी पढ़ के देख ,
हम खुद कैसे कहे की -हम आपको कितना याद करते है ...
हालत मेरी मुझे लाचार करते है ,
ऑंखें मेरी कभी पढ़ के देख ,
हम खुद कैसे कहे की -हम आपको कितना याद करते है ...
Lamhe judai ke bekrar karte hai
halat meri mujhe lachar karte hai
aankh meri kabhi padha ke dekha
hum khud kaise kahe ki- hum aapko kitna yaad karte hai
halat meri mujhe lachar karte hai
aankh meri kabhi padha ke dekha
hum khud kaise kahe ki- hum aapko kitna yaad karte hai
Subscribe to:
Posts (Atom)