आज एक धीमी सी आहत है इस दिल में ..
शायद कोई अधूरी सी चाहत है इस दिल में ..
क्या करूँ मैं कहाँ जाऊं ..
बड़ी खलबली सी है आज इस दिल में ..
कोई अपना होता तोह बिन कहे ही समझ लेता ,
अब किस को बताऊँ की क्या हैं इस दिल में ..??
भूले बैठे है वो लोग भी जिन्हे अपना समझता हूँ
कभी मिले तो दिल चीर के दिखाऊ की क्या है इस दिल में ?
शायद कोई अधूरी सी चाहत है इस दिल में ..
क्या करूँ मैं कहाँ जाऊं ..
बड़ी खलबली सी है आज इस दिल में ..
कोई अपना होता तोह बिन कहे ही समझ लेता ,
अब किस को बताऊँ की क्या हैं इस दिल में ..??
भूले बैठे है वो लोग भी जिन्हे अपना समझता हूँ
कभी मिले तो दिल चीर के दिखाऊ की क्या है इस दिल में ?
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