अपने दर्द आप को बताके हम आपको तकलीफ देना नहीं चाहते ,
हस्ते ही रहते जो हमेशा हम आपको रुलाना नहीं चाहते ,
ठोकर खाके जो हम निचे गिरे है तो खुद ही उपर भी उठेगे ,
अ दोस्त तुम्हारी तो क्या हम खुदा की भी मदद लेना नहीं चाहते .
बात दिन की नहीं , अब रात से डर लगता
घर है काचा मेरा , बरसात से डर लगता है
तेरे तोहफे ने तो बस खून के आंसू ही दिए
ज़िन्दगी अब तेरी सौगात से डर लगता है
प्यार को छोर क़र तुम और कोई बात करो
अब मुझे प्यार की हर बात से डर लगता है
मेरी खातिर ना वो बन्द्नाम कहें हो जाएं
इस लिए उन् की मुलाक़ात से डर लगता है
कठिन है राह गुजारना थोड़ी दूर साथ चलो
बहुत बरा है सफ़र थोड़ी दूर साथ चालो
तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
में जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो
नशे में चूर हूँ में भी तुम्हें भी होश नहीं
बरा मज़ा होगा अगर थोड़ी दूर साथ चलो
ये एक शाम की मुलाक़ात भी जरुरत है
किसे है कल की खबर थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं चिराग राहो के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो
दो दोस्त ,दो दिल ,दो जहा, दोस्ती है कहा ?
यार है ,दिलदार है ,धड़कन की रफतार है ,प्यार है कहा ?
मंजिल है ,संगदिल है ,हर सास में सामिल है ,वो है कहा ?
जो इनायत है, इजाजत है ,मोहबत है,छुपा है कहा?
रस है ,रंग है, दिल का हर एक अंग है, बता है कहा ?
ए मेरे दिल तू बता दे वो है कहा ?