हिन्दी शायरी in Hindi प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी,love shayari,sad shayari
प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी
Thursday, March 31, 2011
गम की परछाईयाँ
गम की परछाईयाँ
यार की रुसवाईयाँ
वाह रे मुहोब्बत ! तेरे ही दर्द
और तेरी ही दवाईयां
चाहे तुम कितना भी चाह लो
ये पल पल का चलना फासला ख़तम ना करेगा तुम कितना भी चाह लो
तुम्हे वो बीता कल ना मिलेगा ! चाहे
तुम कितना भी चाह लो
फिर हर कोई तनहा हो जाता है
इस से ज्यादा क्या रखते है चाहत की उम्मीद
मिटा दिया खुद को तुम्हे पाने के लिए
मर कर भी ना भूल पाएंगे हम
आँख तो बन्द की है सिर्फ ज़माने के लिए .
अपनों को जब अपने खो देते है
अपनों को जब अपने खो देते है
तन्हाइयो मे वो रो देते है
क्यों इन पलकों पर बिठाते है लोग उनको
जो इन पलकों को अक्सर आंसुओ से भेगो देते है
कोई साथ निभाने नहीं आता
हर तरफ गैहराही है ,किनारा नज़र नहीं आता
वादा तोह कर लेते है
बहोत मोहब्बत कर लेने के बाद ,पर जब मुसीबत पड़े
तोह कोई साथ निभाने नहीं आता
मेरी ज़िन्दगी के राज़ मे एक राज़ तुम भी हो
मेरी ज़िन्दगी के राज़ मे एक राज़ तुम भी हो
मेरी बंदगी की प्यास मे एक प्यास तुम भी हो
तुम क्या हो , कुछ तो हो ! या नहीं हो
मगर मेरी ज़िन्दगी के काश में एक काश तुम भी हो
यही सच्चाई है हकीकत है
यही सच्चाई है हकीकत है
यही दस्तूर -ए-ज़िन्दगी है
कुछ देर मिलते हैं हम राही
फिर हर कोई तन्हा हो जाता है .
Wednesday, March 30, 2011
तू तो बेवफा हो गया
दिन घुटे घुटे , शामें धुंआ धुंआ हो गया
और रातें , इंतज़ार की तेरे दास्ताँ हो गया
कहाँ से ढूंढ़कर लाउ सकुन दिल का अपने
ज़िन्दगी जब दर्द की एक दास्ताँ हो गया
बेवफा बनकर कैसे जी लेते हैं लोग हंसकर
इस राज को जानने में ही हस्ती फन्ना हो गया
मैं कब तक भरम में रखूं खुद को
दुनिया कहने लगी की तू तो बेवफा हो गया
अनजान है , अनजान ही रहने दो
अनजान है , अनजान ही रहने दो
किसी की यादो में पल पल यूँ ही मरने दो
क्योँ बदनाम करते हो हमारा नाम लेके
अब तोह इस नाम को बेनाम ही रहने दो
उनकी आँखे हमे अपनी ज़िन्दगी लगती है
उनकी आँखे हमे अपनी ज़िन्दगी लगती है
उनकी साँसे हमे अपनी बंदगी लगती है
आशिकी में उनकी हमारा हाल कुछ इस तरह हुआ है
की अब तोह उनकी नफरत भी हममे मोहब्बत सी लगती है
बनके अजनबी मिले थे ज़िन्दगी के सफ़र में कहीं
बनके अजनबी मिले थे ज़िन्दगी के सफ़र में कहीं ,
इन यादों के लम्हों को कभी भुलायेंगे नहीं ,
अगर याद रखना फितरत है आपकी ,
तो भूल जाने की आदत हमें भी नहीं !!!!
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं ,
बात तो दिलों की नजदीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ ख़ास आप जैसो से है वरना ,
मुलाकात न जाने कितनो से होती है .
`
कभी तुम भी हमसे बात कर लिया करो
कभी तुम भी हमसे बात कर लिया करो
मिलने की फरियाद कर लिया करो
एक हम है जो हर बार शुरुआत करते है
कभी तुम भी हमसे पहले हमें याद कर लिया करो !!!!!!!!
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