चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली,
उनसे क्या कहे वोह तो सच्चे थे,
शायद हमारी तक़दीर ही हमसे खफा निकली ..
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली,
उनसे क्या कहे वोह तो सच्चे थे,
शायद हमारी तक़दीर ही हमसे खफा निकली ..
प्यार भरा सायरी ,दर्दे सायरी