Thursday, September 15, 2016

जानते हो मुहब्बत किसे कहते है


जानते हो मुहब्बत किसे कहते है..?
किसी को सोचना,
फ़िर मुस्कुराना और फ़िर आँसू बहाते हुए
सो जाना...!!

Wednesday, June 22, 2016

तू दिल के और भी करीब आने लगा


तुमसे  दूरी  का  एहसास  सताने  लगा,
तेरे  साथ  गुज़ारा  हर  लम्हा  याद  आने  लगा ,
जब  भी  तुझे  भूलने  की  कोशिश  की  ऐ  दोस्त ,
तू  दिल  के  और  भी  करीब  आने  लगा ..

Monday, February 1, 2016

(बेवफाई सायरी )मुझे तेरी ख़ामोशी ने मार दिया



किसी लुटेरे  ने  नहीं मुझे  तो तेरी सादगी ने  लुटलिया
किसी वक़्त  ने नहीं मुझे  तो  तेरे  इंतज़ार  ने मार्डिया
किसी खंजर  ने  नहीं मुझे तो तेरे  अल्फाज़ो  ने  ज़ख्मीकिया ,
अरे  अब तो  गुस्सा  छोड़  दे मुझे तेरी ख़ामोशी ने मार दिया 

(बेवफाई सायरी ) फिर धोका खाने को तयार है दिल


तेरी याद में  बेक़रार  है दिल
फिर धोका खाने को तयार  है  दिल

अब यहाँ किसी का गुज़र  नहीं  होता
इन दिनों  एक उजड़ा हुआ फूल  है दिल

रोता  है तो आँखों से खून गिरता  है
किसी की मोहब्बत में  गिरफ्तार है दिल

कुछ देर तेरी  याद से ग़ाफ़िल हो गया था
अब तो हर पल रहता बेहदार  है दिल

तेरी जुदाई में रो -रो  के ये तेरी याद  में बेक़रार है दिल तेरी याद  में बेक़रार  है दिल 

(बेवफाई सायरी ) दिल की नाज़ुक धड़कनो को मेरे सनम तुमने धड़कना सीखा दिया

दिल  की  नाज़ुक  धड़कनो  को ..
मेरे  सनम तुमने  धड़कना  सीखा  दिया ,
जब  से  मिला  है  तेरा  प्यार  दिल  को ,
गम  में  भी  मुस्कुराना  सीखा  दिया

(बेवफाई सायरी ) अपनों को कभी रोने मत देना

तनहा  खुद  को  कभी  मत  होने  देना ,
अपनों  को  कभी  रोने  मत  देना ,
आप  बहुत  ख़ास  हैं  हमारे  लिए ..
इस  ख़याल  को  अपने  से  कभी  जुड़ा  होने  मत  देना !

आँखों में रहने वाले को याद नहीं करते

आँखों  में  रहने  वाले  को  याद  नहीं  करते ,
दिल  में  रहने  वाले  की बात  नहीं  करते ,
हमारी  तो  रूह  में  बस  गए  हो  आप ,
तभी तो  मिलने  की  फरियाद  नहीं करते

तुम वही हो जिनके बिना हम रह नहीं पाते.

आँखों  की  गहराई  को  समझ  नहीं  पाते ,
होठ  है  मगर  कुछ  हम  कह  नहीं  पाते ,
अपनी  दिल  की  बात  किस  तरह  कहे  तुमसे ,
 तुम  वही  हो  जिनके  बिना  हम  रह  नहीं  पाते.

हम तो बेहोश यु ही हो जाते क्या ज़रुरत थी मुस्कुराने की

मस्त  नज़रों  से  देख  लेना  था
अगर  तमन्ना  थी  आज़माने  की ,
हम  तो  बेहोश  यु  ही  हो  जाते
क्या  ज़रुरत  थी  मुस्कुराने  की

महकती बहारो में तुम्हे फूलों की तरह देखा है

महकती  बहारो  में  तुम्हे  फूलों की  तरह देखा  है ,
बरसते  सावन  में  तुम्हे  बूँदो  की तरह  देखा  है ,
सजा  रखे  है जो ख्वाब  अपनी  ज़िन्दगी  की  रहो  में ,
उन  रहो  में  तुम्हे  अपनी  दुल्हन  बनते  देखा  है .

आपकी मुस्कराहट ने हमें बेहोश कर दिया

आपकी  मुस्कराहट  ने  हमें  बेहोश  कर  दिया ,
हम  होश  में  आने  ही  वाले  थे ,
की  आपने  फिर  से  मुस्कुरा  दिया

जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू



तुम्हारी  इस  तुम्हारी  इस  अदा  का  क्या  जवाब  दू ,
अपने  दोस्त  को  क्या  उपहार  दू ,
कोई  अच्छा  सा  फूल  होता  तो  माली  से  मंगवाता ,
जो  खुद  गुलाब  है  उसको  क्या  गुलाब  दू

कभी सजदे में जाकर पूछो अपने रब से

मैंने   दुआ  में  तुझे  माँगा  है ,
मगर  वफ़ा  से  माँगा  है ..!!
कभी  सजदे  में  जाकर  पूछो  अपने  रब  से ,
की   मैंने  किस   किस  अदा   से  तुम्हे  माँगा  है ..!!