Wednesday, December 17, 2014

खून के नापाक ये धब्बे खुदा से कैसे छिपाओगे

 पाकिस्तान के पेशावर में हुए खौफनाक वारदातका हमे बहुत  दुःख  है  


खून के नापाक ये धब्बे खुदा से कैसे छिपाओगे
मासूमों की कब्र पर चढ़कर कौन सी जन्नत जाओगे
उठ उठ के मस्जिदों से नमाजी चले गए,
दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह गया
वही तख़्त है वही ताज है वही ज़हर है वही जाम है,
ये वही खुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है
यहां एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें
तेरा कीर्तन अभी पाप है, अभी मेरा सजदा हराम है

Monday, December 15, 2014

अफ़सोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला

कितना  अजीब  अपनी  ज़िन्दगी  का  सफर  निकला ,
सारे  जहाँ  का  दर्द  अपना  मुक़द्दर  निकला ,
जिसके  नाम  अपनी  ज़िन्दगी  का  हर  लम्हा  कर  दिया
अफ़सोस  वही  हमारी  चाहत  से  बेखबर  निकला

ये लो मेरा मासूम दिल इसके टुकड़े हज़ार करदो

प्यार  करते  हो  मुझसे  तो  इज़हार  कर  दो ,
अपनी  मोहब्बत  का  ज़िकर  आज  सरे  आम  कर  दो
नहीं  करते  अगर  प्यार  तो  इंकार  कर  दो ,
ये  लो  मेरा  मासूम  दिल  इसके  टुकड़े  हज़ार  करदो .

सिर्फ नजदीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती ,

सिर्फ  नजदीकियों  से  मोहब्बत  हुआ  नहीं  करती ,
फासले जो  दिलों  में  हो  तो  फिर  चाहत  हुआ  नही  करती
अगर  नाराज़  हो  खफा  हो  तो  शिकायत करो  हमसे
खामोश  रहने  से  दिलो  की  दूरिया  मिटा  नही  करती

ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको

काश  उसे  चाहने  का  अरमान  ना  होता ,
मैं  होश  में  रहते  हुए  अनजान  ना  होता
ना प्यार  होता  किसी  पत्थर  दिल  से  हमको ,
या  फिर  कोई  पत्थर  दिल  इंसान  ना  होता

काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती

काश  कोई  हम  पर  भी  इतना  प्यार  जताती
पीछे  से  आकर  वो  हमारी  आँखों  को  छुपाती ,
हम  पूछते  की  कौन  हो  तुम …??
और  वो  है  कर  खुदको  हमारी  जान  बताती .

दिल चीर के दिखाऊ की क्या है इस दिल में

आज  एक  धीमी  सी  आहत  है  इस  दिल  में ..
शायद  कोई  अधूरी  सी  चाहत  है  इस  दिल  में ..

क्या  करूँ  मैं  कहाँ  जाऊं ..
बड़ी  खलबली  सी  है  आज  इस  दिल  में ..

कोई  अपना  होता  तोह  बिन  कहे  ही समझ  लेता ,
अब  किस  को  बताऊँ  की क्या  हैं  इस  दिल  में ..??

भूले  बैठे  है  वो  लोग  भी  जिन्हे   अपना  समझता  हूँ
कभी  मिले  तो  दिल  चीर  के दिखाऊ  की  क्या  है  इस  दिल  में ?

ये दिल इतना नादान क्यों है

गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है?
जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है?
अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी एक वरदान क्यों है?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?

Sunday, December 14, 2014

किस दीवाने की बात करते हो

आशियाने  की  बात  करते  हो
दिल  जलने  की  बात  करते  हो ,

साड़ी  दुनिया  के  रंज -ओ -गम  दे  कर ,
मुस्कुराने  की  बात  करते  हो .

हम  को  अपनी  खबर  नहीं  यारों ,
तुम  ज़माने  की  बात  करते  हो ,

जिक्र्र  मेरा  सुना  तो  चिढ  के  कहा ,
किस  दीवाने  की  बात  करते  हो .

हादसा  था  गुज़र  गया  होगा ,
किस  के  जाने  की  बात  करते  हो .

कोई दिल से नहीं मिलता

सभी  को  सब  कुछ  नहीं  मिलता ,
नदी  की  हर  लहर  को  साहिल  नहीं  मिलता ,
यह  दिल  वालों  की  दुनिआ  है  दोस्त ,
किसी  से  दिल  नहीं  मिलता  तो  कोई  दिल  से  नहीं  मिलता

तन्हाई किस काम की

जहाँ   याद   न  आये  तेरी
वह  तन्हाई  किस  काम  की
बिगड़े  रिश्ते  न  बने ,
तो  खुदाई  किस  काम  की .
बेशक  अपनी  मंज़िल  तक  जाना  है  हमें ,
लेकिन  जहां  से  अपने  न  दिखें ,
वह  ऊंचाई  किस  काम  की !

Thursday, May 1, 2014

भूल से कभी हमें याद किया करो
प्यार नहीं तो सिकाएता ही किया करो
इतने भी गैर ना समझो हमें की बात ही ना करो
कॉल नहीं तो मिस कॉल ही किया करो

Sunday, April 27, 2014

pahle se jyada jarurat hai apki

jati nhi ankho se surat apki,
jati nhi dil se muhabbat apki.
mehsus ye hota hai jene k liye
 pahle se jyada jarurat hai apki