Monday, March 22, 2010

तेरी कसम हम को तेरी यादें झो अति है

हममे हर पल सताती है
अब तो नहीं लगता हमारा दिल
तुम्हारे बिन अब हर धरकन रुलाती है
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं ,

वोह सोचते है हम रोये ही नहीं ,
वोह पूछते है ख्वाबों में किसे देखते हो ,
हम है की एक उम्र से सोये ही नहीं ...
कशिश होनी चाहिए याद करने की ,

लम्हे तो अपने आप मिल जाते हैं .
वक़्त होना चाहिए साथ गुजरने के लिए ,
बहाने तो अपने आप बन जाते हैं ..

Sunday, March 21, 2010

जगाया उन्होंने ऐसा की आज तक सो ना सके ,

रुलाया उन्होंने ऐसा की सबके सामने रो भी ना सके ,
जाने क्या बात थी उनमे ,
जबसे माना उन्हें अपना तबसे किसी के हो ना सके .

Saturday, March 20, 2010

डरता हूँ कहीं मैं पागल ना बन जाउ,

तीखी नज़र और सुनहरे रूप का कायल ना बन जाउ ,
अब बस भी कर ज़ालिम कुछ तो रहम खा मुझ पैर ,
चली जा मेरी नजरो से दूर कहीं मैं शायर ना बन जाउ
जलाते है हम अपने दिल को दिए की तरह
तेरी ज़िन्दगी मैं खुशियों की रौशनी लाने के लिए
सह जाते है हर चुभन को अपने पैरों तले
तेरी राहों मैं फूल भिछाने के लिए ..
मुस्कान तेरे होटों से कभी जाए ना ,

आंसूं तेरे पलकों पे कभी आये ना ,
पूरा हो तेरा हर ख्वाब ,
और जो पूरा ना हो वोह ख्वाब कभी आये ना ...
उनकी जुल्फों के टेल हम ज़माना भुला देते हैं ,

वो एक नज़र से कितने अरमान जगा देते हैं ,
इश्क तो उनको भी है हमसे ये जानते हैं हम ,
फिर भी ना कह कर क्यों वो इस दिल को सजा देते हैं
जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे ,

याद उन्हें दिन रात किया करते थे ,
अब उन रहो से गुज़रा नहीं जाता ,
जहा बैठ कर उनका इंतज़ार किया करते थे .!
गम-ए-उल्फत मैं हम हद से गुजर गए ,

की उनके इश्क मैं हम दीवाने बन गए ,
हमने तो सुनाई थी अपनी दासताएँ -ए -दिल उनको ,
वो ज़ालिम समझे ग़ज़ल और वाह वाह कर गए

Friday, March 19, 2010

बठे बिठाये याद आये तो क्या करू
दिलसे किसीकी ख्याल नजाए तो क्या करू
टूट चूका हु मई अन्दर से आसू बह रहे है दिलसे
पर ए ओठ मुस्कुराये तो क्या करू
क्या करू मै डरता हु मजबूर हु

पास रह कर भी तुझे से दूर हु
जिन्दगी में भी मौत मिल रही है मुझे
मरके भी जिन्दा जरुर हु
सुबह क्या आया आप सितरो को भूल गए

चाँद क्या निकला आप सूरज को भूल गए
कुछ समय के लिए हमारा एस मेस नहीं मिला
आप हमें याद करना भूल गए
पत्र क्या जिन्दगी का सहारा मिल गया

डूबती नईया को किनारा मिल गया
जिन्दगी मुझसे रूठ गयी थी
मेरी जिन्दगीको नया जीवन दुबारा मिल गया
प्यारी तुम बिन अब मोहे परत ना चैन

बिन मोसम बरसात के बरसत दोनों नैन

Thursday, March 18, 2010

भूल से कभी हमें याद किया करो

प्यार नहीं तो सिकाएता ही किया करो
इतने भी गैर ना समझो हमें की बात ही ना करो
कॉल नहीं तो मिस कॉल ही किया करो
जिन्दगी की राहो में बहुत से यार मेलेगे

हम क्या हमसे भी अछे हज़ार मेलेगे
इन आछो के भीड़ में हमे ना भुलादेना
हम कहा बारबार मेलेगे

Sunday, March 14, 2010

तेरी कानो की बलि जो चमकती है
इस मोसम का मिजाज बदला बदला नज़र आता है
घूँघट से जो निकलता है चेहरा तेरा
तेरे दिवानोका दिल मचला मचला नज़र आता है
बुलबुले उगलते अगर प्यार के दुश्मन

हम उन बुलबुलों पर चलके दिखादेते
काटे क्या चीज है प्यार में यारो
तलवार बिछा देतेतो हम उन पर चलके प्यार के झंडा लहरा देते
हवाओ के झोकोसे ना टूटता ए दिल मेरा

अगर इस हालत में मेरे संघ साथ होता तेरा

Saturday, March 13, 2010

अस्को में भी गरज उठता है जब बादल आते है

प्यार करने वाले भी गरजते है जब दो दिल प्यार में पागल होते है

Thursday, March 11, 2010

कलियों के डाली पे बयेठे हम फूल बनके

तू चुभी इस दिल में एक भूल बनके
तुझे समझ ना सके हम नादा थे
इस दिलकी अमानत थी तू पर निकली फिजूल बनके

दिल हमने दिया तुमको अपना बनाने के लिए

दिल हमने दिया तुमको अपना बनाने के लिए
तन्हा क्यों छोड़ दिया घुट घुट कर मरजाने के लिए

पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे

पागल हो जाउगा अपनी कमर न लचकने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे


एक दिन तो मेलेगी मंजील प्यार की
लगा ले अपने सिने से और मुझे न भटकने दे


जब होस में आयेगे तो असा न होगा
आखिर सोवाद नया है तुझमे मुझे जरा चखने दे


न सोचा कर रुक जाना ओ मेरी जानेमन
तुम भी कुच्ह कर और मुझे भी कुच्ह करने दे


चूम लुगा तुझको बहो में जकड़ने दे
रंगीन जवानी दिखाकर मुझे न तड़पने दे

प्यार

प्यार कोई खेल नहीं इसे ना मजाक बनाओ
प्यार कोई लड़ाई की मैदान नहीं इसे ना आग़ाज़ बनाओ
प्यार कोई रेल नहीं इसे पटरियो पर ना नचाओ
प्यार दो दिलो का मिलना है इसे दुश्मनों से बचाओ
प्यार दिलो का इज़हार है इसे फूल से सजाओ
प्यार दिलो का रंग है इसे खून का रंग मत बनाओ
प्यार दोस्तों का दोस्त है इसे ना मिटाओ


ना मिसाल मिलेगी तेरी हुस्न की इस कायनात मैं

ना मिसाल मिलेगी तेरी हुस्न की इस कायनात मैं,
तू इतनी कसीस भरी ख़ूबसूरती कहा से लायी है ,
लब हैं मयखाने और आंखें छलकते पयमाने ,
ए खुदा जाने आज कीस किस की शामत आई है

दिलमे बसी है तू

दिलमे बसी है तू ,

हम तुझे भुला देते अगर तू मेरे दिल में ना बसी होती ,


तू मेरी नसीब है ,
तेरी हर उस लकीर को मिटा देते अगर तू मेरी नसीब ना होती ,


मेरे सपनो का सौगात है तू ,
तुझे करीब भी न आने देते हम अगर तू सपनो में ना आती ,


बीती जिन्दगी की याद है तू ,
तुझे इस जिन्दगी से निकल देता अगर तू मेरी बेटे दिनों की याद ना  होती

Wednesday, March 10, 2010

किसीको अपना बनाने में देर लगती है

किसीको अपना बनाने में देर लगती है , एक वादा निभाने में देर लगती है ,
प्यार तो पल भर में हो जाता है ,
मगर उन्हें भुलाने में उम्र लगती है .

Tuesday, March 2, 2010

कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न

कुच्ह भी पिलु ए प्यास मिट पाए न
इस दर्द में उड़ता पंछी कोई गीत गाएना
जब तक तुझको नादेखु मुझको चैन आएना
जब तक तू ना मुस्कुराये ए होठ मुस्कुराये ना

नदियों के पानी से क्या प्यास भरे

नदियों के पानी से क्या प्यास भरे जब तक बरसात न हो
तेरी इन तस्बिरो से क्या आह भरे जब तक मुलकात न हो