Sunday, February 28, 2010

इस मस्ती भरी शमा में मेरे करीब आजाओ

इस मस्ती भरी शमा में मेरे करीब आजाओ
मेरे दिलमे लगी आग को अपने दिल से बुझा जाओ

Monday, February 22, 2010

प्यार छुपाया न करो

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो

लोग हर बात का अफसाना बना लेते हैं
सब को हालात की रुदाद सुनाया न करो

ये ज़रूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो
प्यार के ज़ख्म अमानत हैं दिखाया न करो

शहर -इ -एहसास में पत्थराव बहुत हैं “ मोहसिन ”
 दिल को शीशे के झरोंखों में सजाया न करो

रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो
आँखें सच बोलती हैं , प्यार छुपाया न करो

Saturday, February 20, 2010

लम्हे जुदाई के बेकरार करते है ,


लम्हे जुदाई के बेकरार करते है ,
हालत मेरी मुझे लाचार करते है ,
ऑंखें मेरी कभी पढ़ के देख ,
हम खुद कैसे कहे की -हम आपको कितना याद करते है ...

 
Lamhe judai ke bekrar karte hai                                       
halat meri mujhe lachar karte hai
aankh meri kabhi  padha ke dekha
hum khud kaise kahe ki- hum aapko kitna yaad karte hai