Monday, February 1, 2016

हम तो बेहोश यु ही हो जाते क्या ज़रुरत थी मुस्कुराने की

मस्त  नज़रों  से  देख  लेना  था
अगर  तमन्ना  थी  आज़माने  की ,
हम  तो  बेहोश  यु  ही  हो  जाते
क्या  ज़रुरत  थी  मुस्कुराने  की

महकती बहारो में तुम्हे फूलों की तरह देखा है

महकती  बहारो  में  तुम्हे  फूलों की  तरह देखा  है ,
बरसते  सावन  में  तुम्हे  बूँदो  की तरह  देखा  है ,
सजा  रखे  है जो ख्वाब  अपनी  ज़िन्दगी  की  रहो  में ,
उन  रहो  में  तुम्हे  अपनी  दुल्हन  बनते  देखा  है .

आपकी मुस्कराहट ने हमें बेहोश कर दिया

आपकी  मुस्कराहट  ने  हमें  बेहोश  कर  दिया ,
हम  होश  में  आने  ही  वाले  थे ,
की  आपने  फिर  से  मुस्कुरा  दिया

जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू



तुम्हारी  इस  तुम्हारी  इस  अदा  का  क्या  जवाब  दू ,
अपने  दोस्त  को  क्या  उपहार  दू ,
कोई  अच्छा  सा  फूल  होता  तो  माली  से  मंगवाता ,
जो  खुद  गुलाब  है  उसको  क्या  गुलाब  दू

कभी सजदे में जाकर पूछो अपने रब से

मैंने   दुआ  में  तुझे  माँगा  है ,
मगर  वफ़ा  से  माँगा  है ..!!
कभी  सजदे  में  जाकर  पूछो  अपने  रब  से ,
की   मैंने  किस   किस  अदा   से  तुम्हे  माँगा  है ..!!

तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा

तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा..
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा..!!

Monday, January 4, 2016

माना की तेरी नज़र के काबिल ना थे हम

एक दिन जब हुआ इश्क़ का एहसास

सुबह होती है मेरी , तेरे नाम से

 सुबह  होती  है मेरी , तेरे  नाम  से ,

दिन  जाता  है  अपने  काम  से .

शाम  होते  ही फिर  ख्याल  आता  है  तेरा ,

दुआ  है  खुद  से , बना  दे  तुझे  मेरा .

Subah hoti hai meri, tere naam se,
din jaata hai apne kaam se.
Sham hote hi phir khayal aata hai tera, 
dua hai khuda se, bana de tujhe mera.

Monday, December 28, 2015

मेरी जिंदगी में खुशियां तेरे बहाने से है

पत्नी को शादी के कुछ साल बाद ख्याल
आया,
कि अगर वो अपने पति को छोड़ के चली
जाए तो पति
कैसा महसूस करेगा।
ये विचार उसने कागज पर लिखा , " अब मै तुम्हारे साथ और नहीं रह सकती,
मै उब गयी हूँ तुम्हारे साथ से,
मैं घर छोड़ के जा रही हूँ हमेशा के लिए।”
|
उस कागज को उसने टेबल पर रखा और जब
पति के आने का टाइम हुआ तो उसकी प्रतिक्रिया देखने के
लिए बेड के नीचे
छुप गयी।
|
पति आया और उसने टेबल पर रखा कागज
पढ़ा। कुछ देर की चुप्पी के बाद उसने उस कागज पर
कुछ लिखा।
|
फिर वो खुशी की सिटी बजाने लगा, गीत
गाने लगा,
डांस करने लगा और कपड़े बदलने लगा। |
फिर उसने अपने फोन से किसी को फोन
लगाया और कहा
|
" आज मै मुक्त हो गया " शायद मेरी मूर्ख
पत्नी को समझ आ गया की वो मेरे लायक ही नहीं थी,
|
इसलिए आज वो घर से हमेशा के लिए चली
गयी,
इसलिए अब मै आजाद हूँ,
तुमसे मिलने के लिए, मैं आ रहा हूँ कपडे बदल कर तुम्हारे पास, तुम तैयार हो के मेरे
घर के सामने
वाले पार्क में अभी आ जाओ ”।
|
पति बाहर निकल गया,
| आंसू भरी आँखों से पत्नी बेड के नीचे से
निकली और कांपते
हाथों से कागज पर लिखी लाइन पढ़ी
|
जिसमे लिखा था,
| " बेड के नीचे से पैर दिख रहे है बावली पार्क
के पास वाली
दुकान से ब्रेड ले के आ रहा हूँ
|
तब तक चाय बना लेना।
| मेरी जिंदगी में खुशियां तेरे बहाने से है....
|
आधी तुझे सताने से है,
|
आधी तुझे मनाने से है । ♥♥

Monday, December 21, 2015

कुछ दिल का रिश्ता ऐसा है आप से

 जब  तक  लफ्ज़  वज़ू  नहीं  करते ,

हम  आपकी  गुफ्तगू  नहीं  करते ,

कुछ  दिल का  रिश्ता  ऐसा  है  आप  से ,

जिस  दुआ  में  आप  न हों ,

हम  ऐसी  दुआ  नहीं  करते …


Jab tak lafz wazu nahi karte,


Hum aapki guftagu nahi karte,

Kuch dil ka rishta aisa hai ap se,

Jis dua mein ap na hon,

Hum aisi dua nahi karte…

हर कोई दीवाना ना होता

 इश्क़  ओ  जज़्बा  है  जो  हर  किसीके  पास  नही  होता

अगर  होता  तो  हर  कोई दीवाना  ना  होता 


Ishq o jazba hai Jo har kisike pass nhi hota

Agar hota to har koi deewana na hota

Thursday, October 1, 2015

कौन है जो ज़िन्दगी से मजबूर नहीं

 
 कौन  है  जो  मंज़िल से  दूर  नहीं ,

कौन  है  जो  ज़िन्दगी  से  मजबूर  नहीं ,

गुनाह  तो सभी  करते  हैं ,

हमारी  नज़र  में  तो खुद  भी  बेक़सूर  नहीं .
Kaun hai jo manzil se door nahin,

Kaun hai jo zindagi se majboor nahin,

Gunaah to sabhi karte hain

Humari nazar mein to khuda bhi bekasoor nahi.

Monday, July 6, 2015

एक लम्हा भी ना लगा खोने में उसको

 
दरगुज़र  उसकी  हर  खता  कर  दी  हमने

उसके  हक़  में  आज  फिर  दुआ  कर  दी  हमने

एक लम्हा  भी  ना लगा  खोने  में  उसको

जिसको  पाने  में  हर  इन्तहा  कर  दी  हमने ..!!

Sunday, July 5, 2015

आँखों में बस नमी छोड़ जाती है

 
मोहब्बत  का  क्या  है  कभी  भी  हो  जाती  है ,
हर  किसी  की  आँखों  में  बस  नमी  छोड़  जाती  है ,
हमने  की  मोहब्बत  तो  हाल  हुआ  ऐसा ,
तारो  के   बीच  एक  शाम  गुज़रता  हो  जैसा